सुनहरा मौसम, सुनहरा दिन होगा
खाता और कलम सा अपना भी मिलन होगा
इश्क में हम ऐसे डूब जायेंगे ऐ ज़ालिम,
ऑर्डर मेरा और एटीएम तुम्हारा होगा।
चलो इस वादियों में, हम भी मगन हो जाते हैं
दुनिया का डर छोड़, एक दूसरे में विलीन जाते है
तब भी कोई देख ले रिश्तेदार तो,
हम दोनो भी भाई-बहन बन जाते हैं।
ये प्यार हमारा भी अमर होगा
तुम देख लेना, हमारा भी एक अमन होगा
लेकिन मेरे परिवार वालो का चला तो
आज प्यार तुमसे है, विवाह किसी और से होगा।
तुम मुझसे अपनी दिल की सारी बाते करना
मै भी अपने प्रेरणा, आकांक्षा, पूजा की बाते सुनाऊंगा
तुम्हारा दिल मेरे दिल का माने तो
तुम भी राकेश, उत्सव और आनंद का अनुभव बताना।
तुम्हारे पलके मुझपर इतनी इतराती है
तुम जरूर मुझसे बेइंतेहा मुहब्बत करती होगी
मुझसे बात करते समय किसी और को देखती हो
मुझे क्या पता तुम कानी होगी।
~ कुमार रंजन